12000 वर्ष तक भगवन शिव ने की थी यहाँ तपस्या
मथुरा पुरी के परिक्रमा मार्ग में प्राचीन स्थल शिवताल कुण्ड।यह मथुरा के जो प्रमुख सरोवर हैं उनमें से एक माना जाता है और ब्रज मंडल की जो ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग है उसका यह प्रथम कुण्ड माना गया है।और ऐसा स्मृतियो और पुराणों में वर्णन आता है कि १२००० वर्ष तक भगवान शिव ने इस स्थल पर तपस्या करी थी।तो यह ब्रज भूमि में भगवान शिव की तपों स्थली के रूप में विख्यात शिवताल कुण्ड।भगवान शिव की तपों स्थली यह ब्रज मंडल चौरासी कोस का प्रथम कुण्ड जिसे हम कहते है और जैसा कि पुराणों में बताया गया है कि यहां पर भगवान शिव ने तपस्या की और आज यह मथुरा पुरी के कैलाश नगर में स्थित है।बड़ा ही सुंदर यह सरोवर बना हुआ है मथुरा पुरी के बिल्कुल मध्य में कालांतर में यह बड़ा ही सुंदर सरोवर हुआ करता था और इस सरोवर की रौनक बड़ी सुंदर हुआ करती थी,और सैकड़ों यात्री हजारों श्रद्धालु इस सरोवर का आनन्द लिया करते थे।लेकिन आज पता नहीं किन परिस्थितियों में यह पड़ा हुआ है और यह प्राचीन कुण्ड जो कि शिवताल कुण्ड के नाम से विख्यात है आज केवल एक दर्शनीय स्थल के रूप में रहा है लोगों की पहुंच से दूर है जबकि इसके आस पास इतनी सुंदर आबादी है कैलाश नगर और गुरुनानक नगर और मथुरा शहर का मुख्य मार्ग से लगा हुआ यह सरोवर पर्यटन विभाग की जो पर्यटन विकास की योजना है उनसे कोसों दूर है जबकि ब्रज विकास की तमाम योजनाएं इस समय ब्रज में काम कर रही है लेकिन न जाने क्यों इन स्थानों से सब ये दूर है देखिए चारों तरफ कितनी वृक्ष वली है पतझड़ है इस लिए वृक्षावली का दर्शन उसी हिसाब से हो रहा है।लेकिन जिस प्रकार से में जो कहना चाहूंगा नगर निगम कुण्ड सरोवरों को अधिग्रहण करके उनका सौंदर्यकरण कर रहीं है तो शायद इस स्थान पर उसका जो सौंदर्यकरण का कार्य है वह किसी कारण रुका हुआ है।इससे ही लगा हुआ यहां पर प्राचीन व्यायाम शाला क्षेत्र है जो इसी से ही लगा हुआ है जिसको की हम आपको आगे दर्शन कराएंगे।लेकिन यह स्थान जो प्राचीन और पौराणिक है क्योंकि यह मधुबन मार्ग है जब मथुरा से ब्रज चौरासी कोस की यात्रा चलती है तो यहां पर यह शिवजी का स्थान तपों स्थली है।
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