अक्षय नवमी 2025 – शुभ समय, महत्व, पूजा विधि और लाभकारी उपाय
✨ अक्षय नवमी – परिचय व महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है। “अक्षय” का अर्थ है जो कभी नष्ट न हो। इस दिन का पुण्य कभी क्षीण नहीं होता।
इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है, क्योंकि आंवले के वृक्ष की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मान्यता है कि इस दिन आंवला पूजन करने से स्वास्थ्य, दीर्घायु और समृद्धि प्राप्त होती है।
कार्तिक मास का यह पर्व धन, वैभव, पुण्य और धार्मिक कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन किया गया दान अक्षय रहता है और आने वाले पूरे वर्ष में शुभ फल देता है।
अक्षय नवमी 2025 तिथि व शुभ मुहूर्त
(स्थानीय पंचांग अनुसार समय थोड़ा अलग हो सकता है)
तिथि : ( 31 अक्टूबर )
शुभ स्नान-दान मुहूर्त: प्रातःकाल सूर्योदय से दोपहर तक सर्वश्रेष्ठ
🪔 पूजा सामग्री
सामग्री उपयोग
आंवला वृक्ष की डाल/पौधा मुख्य पूजन
कलश, गंगा जल स्थापना हेतु
हल्दी, रोली, चंदन तिलक व रेखांकन
मौली, पुष्प, दीपक पूजन व सजावट
मौसमी फल, मिठाई भोग
धूप, कपूर आरती
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🙏 पूजा विधि (Step-by-Step)
1. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. आंवला वृक्ष या पौधे के समीप कलश स्थापना करें।
3. गंगा जल से वृक्ष की जड़ सींचें, हल्दी-कुंकुम से तिलक करें।
4. सूर्यदेव और विष्णु भगवान का ध्यान करें, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र जपें।
5. दीपक जलाकर वृक्ष की सप्त परिक्रमा करें।
6. फल-मिठाई का भोग लगाएँ और प्रसाद वितरित करें।
7. अंत में ज़रूरतमंदों को अन्न-वस्त्र का दान करें।
📜 व्रत-कथा संक्षेप
पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक शुक्ल नवमी पर देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। इस दिन आंवला पूजन और दान करने वालों के घर धन, वैभव और सुख-समृद्धि बनी रहती है। यही कारण है कि इसे अक्षय पुण्य तिथि कहा गया है।
🌟 लाभ
अखंड पुण्य व धन-समृद्धि
स्वास्थ्य लाभ व दीर्घायु
पितृदोष शांति
विवाह व नए कार्यों में सफलता
सावधानियाँ
केवल श्रद्धा व शुद्ध मन से पूजा करें।
वृक्ष को नुकसान न पहुँचाएँ।
शुभ मुहूर्त का पालन करें।
✍️ निष्कर्ष
कार्तिक शुक्ल नवमी यानी अक्षय नवमी का दिन अखंड पुण्य देने वाला है। इस दिन आंवला पूजन, दान, और विष्णु-लक्ष्मी की आराधना करने से स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अपने पाठकों को प्रेरित करें कि वे इस बार अक्षय नवमी 2025 पर श्रद्धा से पूजन करें और पुण्य कमाएँ।
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