रूप चौदस 2025: दिवाली से पहले का पवित्र और सुंदरता का पर्व
रूप चौदस, जिसे नरक चतुर्दशी, काली चौदस या छोटी दिवाली भी कहा जाता है, दिवाली महोत्सव का दूसरा दिन होता है। यह पर्व 19 अक्टूबर 2025 (रविवार) को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन को तन और मन की शुद्धि तथा सौंदर्य के लिए विशेष माना जाता है।
📅 तिथि और शुभ मुहूर्त
तारीख: 19 अक्टूबर 2025 (रविवार)
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर 2025 रात लगभग 11:58 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर 2025 रात लगभग 11:12 बजे
अभ्यंग स्नान मुहूर्त (दिल्ली समय): प्रातः 5:10 बजे से 6:24 बजे तक
(मुहूर्त आपके स्थानानुसार थोड़ा बदल सकता है, कृपया स्थानीय पंचांग देखें।)
🌸 रूप चौदस का पौराणिक महत्व
1. नरकासुर वध कथा
मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध कर पृथ्वी को उसके आतंक से मुक्त कराया था। इस उपलक्ष्य में दीप जलाने की परंपरा शुरू हुई।
2. यमराज पूजन
इस दिन यमराज की विशेष पूजा का विधान है। ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
3. सौंदर्य एवं शुद्धि
‘रूप चौदस’ नाम ही बताता है कि यह दिन विशेष रूप से रूप-लावण्य और आंतरिक-पवित्रता के लिए है।
🔬 वैज्ञानिक दृष्टि
अभ्यंग स्नान: तिल के तेल से मालिश और स्नान ठंड से बचाव, रक्त संचार सुधार और त्वचा को पोषण देता है।
उबटन: बेसन और हल्दी का लेप त्वचा को प्राकृतिक रूप से एक्सफोलिएट करता है।
दीपदान: घर में सकारात्मक ऊर्जा और स्वच्छ वायु का संचार बढ़ाता है।
🙏 पूजा विधि (Step by Step)
1. ब्रह्म मुहूर्त में उठना: सूर्योदय से पहले स्नान का विशेष महत्व है।
2. अभ्यंग स्नान: तिल के तेल से पूरे शरीर की मालिश करें और उबटन से स्नान करें।
3. मंदिर पूजन: घर के मंदिर में दीपक जलाएं, भगवान कृष्ण, यमराज और देवी काली का पूजन करें।
4. दीपदान: शाम को घर, दरवाजे और आंगन में दीप जलाएं।
5. दान-पुण्य: तिल, कपड़ा और मिठाई का दान विशेष पुण्यदायी है।
💆♀️ सौंदर्य निखार के घरेलू उपाय
उबटन रेसिपी: 4 चम्मच बेसन, 1 चुटकी हल्दी, 1 चम्मच दही, 2 चम्मच गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाएं। पूरे शरीर पर लगाकर सूखने पर हल्के हाथ से रगड़ें।
हर्बल फेस पैक: नीम पाउडर, मुल्तानी मिट्टी और गुलाबजल मिलाकर 15 मिनट चेहरे पर लगाएं।
बालों की चमक: नारियल तेल में आंवला पाउडर और करी पत्ता उबालकर बालों में मसाज करें।
नेल केयर: नींबू रस और ग्लिसरीन का मिश्रण नाखूनों पर लगाएं।
🏡 घर की सजावट और दीपदान टिप्स
मुख्य द्वार पर आम्रपल्लव और रंगोली बनाएं।
पीतल या मिट्टी के दीपक का उपयोग करें, घी या तिल का तेल श्रेष्ठ माना जाता है।
उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक अवश्य जलाएं।
🌟 महत्व का सार
रूप चौदस केवल सौंदर्य या बाहरी सज्जा का त्योहार नहीं है; यह आंतरिक पवित्रता, स्वास्थ्य, और सकारात्मकता का प्रतीक है। इस दिन किया गया स्नान, दान और दीपदान जीवन में सौंदर्य, सुख और दीर्घायु प्रदान करता है।
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