एक्यूप्रेशर क्या है ,एक्यूप्रेशर से क्या फायदा होता है ,एक्यूप्रेश से सभी रोगों का इलाज घर पर
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एक्यूप्रेशर के फायदे |
इन शरीर के विभिन्न भागो के बीच अनुकूल सहयोग के कारण ही हम एक स्वस्थ एवं लम्बा जीवन जी पाते हैं।
प्रकृति ने हमारे शरीर में ऐसी व्यवस्था की है जिसके द्वारा अपने आप शरीर के सारे भागों का संचालन अच्छी तरह से हो सके , जैसे आधुनिक युग में में जो यंत्र हैं जैसे रेफ्रीजिरेटर और गीज़र ये अपने आप कट होते रहते हैं , पानी गरम हो जाये तो गीज़र अपने आप बंद हो जाता है , और जब पानी ठंडा हो तो अपने आप चल जाता है , यदि इनमें से किसी चीज में कोई परेशानी आ जाये तो वो बंद हो जाता है , और वो तभी चलता हैं जब उसकी बटन दुबारा दबायी जाए।
एक्यूप्रेशर क्या है
इसी प्रकार की रचना भी प्रकृति ने हमारे शरीर की की है , यानी के शरीर के किसी भाग में यदि दिक्कत हो और हम उससे सम्बंधित किसी भाग को दबाएं तो वो दिक्कत सही हो जाती है , इसी को हम एक्यूप्रेशर थेरेपी कहते हैं , एक्यूप्रेसर शब्द एक्यूपंक्चर से लिया गया है , एक्यूप्रेशर का अर्थ होता है की ऊँगली से शरीर के किसी भाग पर दबाब देकर शरीर को स्वस्थ रखना। एक्यूप्रेशर भारत में 5000 साल पहले प्रचलित थी ,लेकिन दुर्भाग्य से ये भारत में प्रचलित न होके अन्य देशों में चली गयी , अब पूरा विश्ब इस थेरैपी की और ध्यान दे रहा है।
हमारा शरीर पाँच तत्वों से मिलकर बना है ,पृथ्वी ,आकाश ,जल ,अग्नि एवं वायु,इन पांच तत्वों का संचालन शरीर के प्राण द्वारा होता है ,जिसे हम विद्युत भी कह सकते है , जैसे बिजली के दो टर्मिनल होते है नेगेटिव और पॉजिटिव ,वैसे ही इस प्राण विद्युत् के भी दो टर्मिनल होते है जिसे हम ची (पॉजिटिव ) एवं चेन (नेगेटिव ) कहते हैं ,इस प्राण रुपी बैटरी से उत्पन्न विद्युत हमारे शरीर में प्रवाह होता है ,ये दाहिने हाथ की उँगलियों और अगूंठे के सिरे से शुरू होकर शरीर के सभी भागों में होकर दाहिने पैर की उँगलियों एवं अंघूटों तक जाती है , इसी तरह बांये हाथ की उँगलियों और अगूंठे के सिरे से शुरू होकर शरीर के सभी भागों में होकर बांये पैर की उँगलियों एवं अंघूटों तक जाती है , जब तक ये प्रवाह शरीर में ठीक तरह से प्रभाभित होता है तब तक शरीर स्वस्थ रहता है ,यदि किसी कारणवश ये प्रवाह शरीर के किसी भाग में ठीक तरह से नहीं पहुँचता तो उस भाग में दर्द होता है ,यदि उस भाग में विद्युत् को पहुँचा दिया जाए तो उस भाग में होने वाला दर्द दूर हो जाता है।
और ये सब संभव हो पता एक्यूप्रेसर द्वारा ,एक्यूप्रेसर के अंतर्गत शरीर में करीब 100 बिंदुएं है ,सभी विन्दुओं को समझना हर किसी के लिए संभव नहीं है , पर कुछ विंदुएं ऐसे है जिन पर दबाब डालकर रोग को मिटाया जा सकता है अथवा बेहोश तक किया जा सकता है। हमारे शरीर में एक्यूप्रेसर के पॉइंट्स हमारे दोनों हाथ के पंजों एवं दोनों पैरों के तलवो में हैं.
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acupressure points |
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acupressure points |
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acupressure points |
एक्यूप्रेशर को समझना और इसके द्वारा इलाज करना बहुत ही सरल है , जिसे समझकर एक बच्चा भी इसका इस्तमाल कर सकता है।
इन चित्रों में यदि हम सूर्य केंद्र एवं शक्ति केंद्र को छोड़ दें तो वाकी चीजों को हम जानते हैं ,लेकिन इनको जानना भी आवश्यक है।
सूर्य केंद्र :
सूर्य केंद्र को नाभिचक्र भी कहा जाता है ,यह छाती (chest) के नीचे सभी अंगो का संचालन करता है ,पेट में किसी परेशानी के लिए बिंदु 21 दबाब डालना चाहिये।
अक्सर देखा जाता है की कभी पेट में दर्द होने का एक कारण नाभि का चला जाना भी होता है , अब ये वास्तब में पेट दर्द नाभि चले जाने से हैं के लिए हमें ये जाना पड़ेगा की नाभि ठीक से काम कर रही है की नहीं। इसके जाने के कई तरीके है।
1 . इसको जानने के लिए खाली पेट सीधे लेट कर यदि ऊँगली या अंघूठे से उसे दबाया जाए तो वहां दिल की धड़कन जैसी महसूस होती है तो इसका मतलब नाभि ठीक है।
2 . यदि नाभि से left chest एवं Right chest के बीच का अंतर सामान है तो इसका मतलब नाभि ठीक है , अब नाभि चक्र नीचे खिसका हुआ है ये ऊपर खिसका हुआ है उसको दोनों के बीच का अंतर जाने से मालूम पड़ जाएगा।
नाभि जाने का कारण होता है की यदि कभी ज्यादा वजन उठा लिया हो या गैस के दबाब के कारन भी नाभि खिसक जाती है।
यदि नाभि ऊपर की तरफ खिसकी हो तो तो आपको कब्ज होगा , और यदि नाभि नीच की तरफ खिसकी हो तो आपको दस्त (loose motion) होंगे
नाभि को अपनी जगह लाना बहुत जरुरी होता है , यदि नाभि अपनी जगह न होतो शरीर में बहुत दिक्क्तों का सामना करना पड सकता है।
नाभि ठीक कैसे करें :
नाभि को ठीक करने के लिए यातो खाली पेट या खाने के 3 -4 घंटे के बाद प्रयास करना चाहिए
1. अँगूठे से नाभि के आसपास थोड़ा दबाब देकर उसे केंद्र में लाया जाता है।
2 . नाभि पर कुछ वजन रखकर भी नाभि को केंद्र में लाया जाता है।
3. जमीन पर बिना थेकिये के सीधे लेटकर दोनों हाथों को शरीर से सटा कर दोनों पैरों को 90 डिग्री के एंगल पर
रखिये ,फिर बिना सर को उठाये पैरों को धीरे धीरे नीचे लाएं ,इसे दो तीन बार करें।
शक्ति केंद्र :
यदि आप पूरे दिन भर काम करके थक गयें है और रात में नींद भी ना आयी हो तो बिंदु 32 पर दबाब देने पर वहां दर्द होगा , इसका मतलब शरीर में एनर्जी की कमी है , इस स्तिथि में उस बिंदु पर दबाब देकर शक्ति (energy) पायी जा सकती है।
इस प्रकार एक्यूप्रेशर के द्वारा अनेक रोगों का इलाज़ बहुत ही सरल तरीक से संभव है , बस जरुरत है तो एक्यूप्रेशर और उससे जुडी तकनीक को समझने की जो की बहुत आसान है।
हम आगे भी आपको अन्य हर एक बिंदु के बारे में विस्तार से बताएँगे , और उससे जुड़े हर रोग का निदान भी बताएँगे , आपको हमारे ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो कृपया इसे शेयर जरूर करें और हमें फॉलो भी करें।
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