W3.CSS
Bhakti Ras Pravah-भक्ति रस प्रवाह

श्री नर्मदा अष्टक पाठ का हिंदी में अर्थ एवं फायदे -Shri Narmada Ashtak lyrics with meaning & Benifits in hindi

श्री नर्मदा  अष्टक  पाठ का हिंदी में अर्थ  एवं फायदे

श्री नर्मदा  अष्टक  पाठ  का हिंदी में अर्थ  एवं फायदे,Shri Narmada Ashtak in hindi lyrics with meaning & Benifits,ashtakam,narmada ashtak ka paath kese karein
श्री नर्मदा  अष्टक  पाठ  का हिंदी में अर्थ


Play Narmada Ashtak Paath

                                                    


⬆ Play Matra ⬆

श्री नर्मदा अष्टक पाठ  का हिंदी में अर्थ-Shri Narmada Ashtak Paath meaning  in hindi :

सविन्दु सिन्धु-सुस्खलत्तरंगभंगरंजितं
द्विषत्सु पापजातजात करिवारी संयुतं ।
कृतांतदूत कालभूत भीतिहारी वर्मदे,
त्वदीय पादपंकजं नमामि देवि नर्मदे ।।१।।
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
 (अंत – समय मे ) यम-दूतों तथा (सर्वदा) कल-भूतों के भय का हरण करके, रक्षा करनेवाली, हे माँ नर्मदा देवि ! अपने जल-कणों द्वारा समुद्र की उछलती हुई लहरों में रोचक दृश्य उत्पन्न करने वाले तथा शत्रुओं के भी पाप-समुदाय को नाश करने वाले, निर्मल जल-सहित आपके चरण कमलों को में नमस्कार करता हूँ ॥१॥

त्वदंबु लीनदीन मीन दिव्य संप्रदायकं,
कलौ मलौघभारहारि सर्वतीर्थनायकं ।
सुमत्स्य, कच्छ, नक्र, चक्र, चक्रवाक शर्मदे,
त्वदीय पादपंकजं नमामि देवि नर्मदे ।।२।।
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
मत्स्य (मछ्ली), कच्छ (कछुआ), नक्र (मगर) इत्यादि जल-जींव-समुदाय, तथा चक्रवाक (चकई-चकवा) आदि पक्षी-समुदाय को सुख देनेवाली हे नर्मदा जी ! आपके जल मे मग्न रहनेवाले दीन-दु:खी मतस्यों को दिव्य (स्वर्ग) पद देनेवाले, तथा इस कलियुग के पापपुजरूपी भार को हारनेवाली, और सर्व तीर्थों (जालों) मे श्रेष्ठ ऐसे जल-युक्त आपके चरणकमलों को मै प्रणाम करता हूँ ।।२।।

महागभीर नीरपूर – पापधूत भूतलं,
ध्वनत् समस्त पातकारि दारितापदाचलम् ।
जगल्लये महाभये मृकंडुसूनु – हर्म्यदे,
त्वदिय पादपंकजं नमामि देवि नर्मदे ॥३॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
 महान भयंकर संसार के प्रलय में मार्कण्डेय ऋषि को आश्रय देनेवाली, हे नर्मदा देवि ! अत्यंत गंभीर जल के प्रवाह द्वारा पृथ्वी-तल के पापों को धोनेवाले, तथा अपने कलकल शब्दों द्वारा समस्त पातकों को नाश करने वाले तथा संकटों के पर्वतों को विदीर्ण करने वाले, ऐसे आपके जलयुक्त चरण – कमलों को मै प्रणाम करता हूँ ॥३॥

गतं तदैव मे भयं त्वदंबुवीक्षितं यदा,
मृकण्डुसूनु शौनकासुरारिसेवितं सदा।
पुनर्भवाब्धि जन्मजं भवाब्धि दु:ख वर्मदे,
त्वदिय पादपंकजं नमामि देवि नर्मदे ॥४॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
 मार्कण्डेय, शौनक, तथा देवताओं से निरंतर सेवन किए गए,आपके जल को जिस समय मैंने देखा, उसी समय मेरे जन्म-मरण-रूप दु:ख और संसार-सागर मे उत्पन्न हुए समस्त भय भाग गए । संसाररूपी समुद्र के दु:खों से मुक्त करेने वाली, हे नर्मदा जी ! आपके चरणकमलों को मै प्रणाम करता हूँ ॥४॥

अलक्ष्य-लक्ष किन्नरामरासुरादि पूजितं,
सुलक्ष नीरतीर – धीरपक्षी लक्षकूजितं।
वशिष्ठ शिष्ट पिप्पलादि कर्दमादि शर्मदे,
त्वदिय पादपंकजं नमामि देवि नर्मदे ॥५॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
वसिष्ठ ऋषि, श्रेष्ठ पिप्पलाद ऋषि, तथा कर्दम आदि ऋषियों को सुख देने वाली, हे माँ नर्मदा देवि ! अदृश्य लाखों किन्नरों (देवयोनि विशेष ), देवताओं, तथा मनुष्यों से पूजन किए गए, और प्रत्यक्ष आपके जल के किनारे निवास करने वाले लाखों पक्षियों से कूजित (किलकिलाहट) किए गए, आपके चरण कमलों को मे प्रणाम करता हूँ॥५॥

सनत्कुमार नाचिकेत कश्यपादि षट्पदै,
घृतंस्वकीय मानसेषु नारदादि षट्पदै: ।
रविंदु रंतिदेव देवराज कर्म शर्मदे,
त्वदिय पादपंकजं नमामि देवि नर्मदे ॥६॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
 सूर्य, चन्द्र, रविन्तदेव, और इंद्रादि देवताओं को सुख देनेवाली, हे माँ नर्मदा जी ! सनत्कुमार नाचिकेत, कस्यप, आत्रि, तथा नारदादि ऋषिरूप जो भ्रमर उनसे अपने-अपने मन मैं धारण किए गए, ऐसे आपके चरण कमलों को मैं बार-बार प्रणाम करता हूँ ॥६॥

अलक्ष्यलक्ष्य लक्ष पाप लक्ष सार सायुधं,
ततस्तु जीव जन्तु-तन्तु भुक्ति मुक्तिदायकम्।
विरंचि विष्णु शंकर स्वकीयधाम वर्मदे,
त्वदिय पादपंकजं नमामि देवि नर्मदे ॥७॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
 ब्रह्मा, विष्णु, तथा इनको अपना-अपना पद (सामर्थ्य तथा स्थान) देनेवाली, हे माँ नर्मदा देवि ! जिनकी गणना करने को मन भी नहीं पहुचता, ऐसे असंख्य पापों को नाश करने के लिए प्रबल आयुध (तीक्ष्णा तलवार) के समान, तथा आपके किनारे पर रहनेवाले जीव ( बड़े-बड़े प्राणी) जन्तु (छोटे प्राणी) तन्तु (लता-वीरुध) अर्थात् स्थावर-जंगल समस्त प्राणियों को इस लोक का सुख तथा परलोक (मुक्ति) का सुख देनेवाले, ऐसे आपके चरणकमलों को मै प्रणाम करता हूँ ॥७॥

अहोमृतं स्वनं श्रुतं महेशकेशजातटे,
किरात-सूत वाडवेषु पंडिते शठे-नटे ।
दुरन्त पाप-तापहारि सर्वजन्तु शर्मदे,
त्वदिय पादपंकजं नमामि देवि नर्मदे ॥८॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
 अहह ! शंकर जी की जटाओं से उत्पन्न रेवा जी के किनारे मैंने अमृत के समान आनंददायक कलकल शब्द सुना, समस्त जाति के प्राणियों को सुख देनेवाली, हे माँ नर्मदा जी ! किरात (भील) सूत ( भाट ) बाडव (ब्राह्मण) पंडित (विद्वान) शठ (धूर्त) और नट, इनके अनंत पाप पुंजों के तापों को हरण करनेवाली, ऐसे आपके चरण कमलों को मै प्रणाम करता हूँ ॥८॥

इदंतु नर्मदाष्टकं त्रिकालमेव ये यदा,
पठंति ते निरंतरं न यान्ति दुर्गतिं कदा ।
सुलभ्य देह दुर्लभं महेशधाम गौरवं,
पुनर्भवा नरा न वै विलोकयन्ति रौरवम् ॥९॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
 जो भी इस नर्मदाष्टक का प्रति-दिन तीन कल ( प्रात:, सायं, मध्यान्ह) मे पाठ करते है, वे कभी भी दुर्गति को नहीं प्राप्त होते, तथा अन्य लोकों को दुर्लभ ऐसे सुंदर शरीर धरण का कर शिवलोक को गमन करते है, तथा इस लोक मे सुख पाते है और पुनर्जन्म के बंधन से छूट कर कभी भी रौरवादि नरकों को नहीं देखते ॥९॥

इति नर्मदाष्टकम पूर्ण
श्री नर्मदा  अष्टक का जाप करने के फायदे हिंदी में -Shri Narmada Ashtak Paath  benifits in hindi :
श्री नर्मदा नदी ऐसी नदी है जो हमेशा  स्वरुप के अनुसार कल कल करके बहती है ,नर्मदा नदी की हज़ारों श्रद्धालु परिकम्मा भी करते हैं ,श्री शंकर जी के पसीने  से उत्त्पन्न परम पवित्र नदी माँ नर्मदा के पास खड़े होकर पूरी श्रद्धा से यदि श्री नर्मदा अष्टक का पाठ किया जाए तो माँ नर्मदा शीघ्र प्रसन्न होतीं है ,और मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होने लगती हैं। 





Post a Comment

0 Comments