W3.CSS
Bhakti Ras Pravah-भक्ति रस प्रवाह

श्री शिवा रुद्राष्टक का हिंदी में अर्थ एवं फायदे -Shiv Rudrashtakam Stotram in hindi lyrics with meaning

श्री शिवा रुद्राष्टक का हिंदी में अर्थ  एवं फायदे

shri rudrashtak lyrics & meaning in hindi , ashtakam , ashtak, rudrashtak, shiva , bholenaath ki stuti, shiv ji ki stuti , ashtak kya hota hain
shri rudrashtak lyrics & meaning in hindi

Play Rudrashtak  Mantra

                                                    

⬆ Play Matra ⬆

श्री शिवा रुद्राष्टक का हिंदी में अर्थ-Shiv Rudrashtakam Stotram  meaning  in hindi :

1 नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक ब्रह्म, वेदस्वरूप ईशानदिशा के ईश्वर और सबके स्वामी शिवजी, मैं आपको नमस्कार करता हूं। निज स्वरूप में स्थित, भेद रहित, इच्छा रहित, चेतन, आकाश रूप शिवजी मैं आपको नमस्कार करता हूं।

2  निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
निराकार, ओंकार के मूल, तुरीय वाणी, ज्ञान और इन्द्रियों से परे, कैलाशपति, विकराल, महाकाल के भी काल, कृपालु, गुणों के धाम, संसार से परे परमेशवर को मैं नमस्कार करता हूं।

3   तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
जो हिमाचल के समान गौरवर्ण तथा गंभीर हैं, जिनके शरीर में करोड़ों कामदेवों की ज्योति एवं शोभा है, जिनके सिर पर सुंदर नदी गंगाजी विराजमान हैं, जिनके ललाट पर द्वितीया का चंद्रमा और गले में सर्प सुशोभित है।

4 चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
जिनके कानों में कुंडल शोभा पा रहे हैं। सुंदर भृकुटी और विशाल नेत्र हैं, जो प्रसन्न मुख, नीलकंठ और दयालु हैं। सिंह चर्म का वस्त्र धारण किए और मुण्डमाल पहने हैं, उन सबके प्यारे और सबके नाथ श्री शंकरजी को मैं भजता हूं।

5 प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
प्रचंड, श्रेष्ठ तेजस्वी, परमेश्वर, अखण्ड, अजन्मा, करोडों सूर्य के समान प्रकाश वाले, तीनों प्रकार के शूलों को निर्मूल करने वाले, हाथ में त्रिशूल धारण किए, भाव के द्वारा प्राप्त होने वाले भवानी के पति श्री शंकरजी को मैं भजता हूं।

6 कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
कलाओं से परे, कल्याण स्वरूप, प्रलय करने वाले, सज्जनों को सदा आनंद देने वाले, त्रिपुरासुर के शत्रु, सच्चिदानन्दघन, मोह को हरने वाले, मन को मथ डालनेवाले हे प्रभो, प्रसन्न होइए, प्रसन्न होइए।

7 न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
जब तक मनुष्य श्री पार्वतीजी के पति के चरणकमलों को नहीं भजते, तब तक उन्हें न तो इस लोक में, न ही परलोक में सुख-शांति मिलती है और अनके कष्टों का भी नाश नहीं होता है। अत: हे समस्त जीवों के हृदय में निवास करने वाले प्रभो, प्रसन्न होइए।

8 न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
मैं न तो योग जानता हूं, न जप और न पूजा ही। हे शम्भो, मैं तो सदा-सर्वदा आप को ही नमस्कार करता हूं। हे प्रभो! बुढ़ापा तथा जन्म के दुख समूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दुखों से रक्षा कीजिए। हे शंभो, मैं आपको नमस्कार करता हूं।
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।। 
Hindi Meaning -हिंदी अर्थ :
जो भी मनुष्य इस स्तोत्र को भक्तिपूर्वक पढ़ते हैं, उन पर भोलेनाथ विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं।

॥  इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥> >

श्री शिवा रुद्राष्टक का जाप करने के फायदे हिंदी में -Shiv Rudrashtakam Stotram  benifits in hindi :
भगवान भोलेनाथ का नाम भोलेनाथ इसलिए कहा जाता है की वे साक्षात् रूप में बहुत ही भोले हैं , भगवान् भोलेनाथ की मन से थोड़ी सी भी स्तुति या पूजा करें तो भगवन  भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न  हो जाते हैं   ,
श्री रामचरित मानस के अनुसार भगवान् श्री राम ने रावण का वध  करने से पहले समुद्र तक पर शिवलिंग  की स्थापना की थी और भगवान् भोलेनाथ की श्रद्धा पूर्वक  स्तुति एवं अर्चना की थी एवं रुद्राष्टक का पाठ किया था , परिणामस्वरूप रावण पर विजय प्राप्त की थी। 
श्री रुद्राष्टक  Rudrashtak अपने आप में एक अद्भुत स्तुति है , अपने शत्रुओं का नाश करने के लिए सुबह शाम 7 दिन तक लगातार रुद्राष्टक स्तुति का घर में कुशा  के आसन पर बैठकर जाप करें ,  बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश हो जाएगा , इतना  चमत्कारी है रुद्राष्टक का पाठ। 

















Post a Comment

0 Comments