संकट नाशन गणेश स्तोत्रम का पाठ अर्थ सहित एवम फायदे हिंदी में
संकट नाशन गणेश स्तोत्रम |
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संकट नाशन गणेश स्तोत्रम पाठ सुनें
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संकट नाशन गणेश स्तोत्रम का पाठ अर्थ सहितSankat Nashan Ganesh Stotram Paath with Meaning In Hindi
प्रणम्य शिरसा देवंगौरीपुत्रं विनायकम् ।भक्तावासं स्मरेन्नित्यंआयुःकामार्थसिद्धये।1
हिंदी अर्थ -मैं सर झुका के प्रणाम करता हूं देवी गौरी के पुत्र विनायक ( गणेश ) को। जो भक्त इनका नित्य स्मरण करता रहता है उनकी आयु, कामना और अर्थ सिद्ध हो जाता है। ।।1।।
प्रथमं वक्रतुण्डं चएकदन्तं द्वितीयकम् ।तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षंगजवक्त्रं चतुर्थकम्। 2हिंदी अर्थ -पहला वक्रतुण्ड ( टेढे मुख वाले ) और एकदन्त ( एक दाँतवाले ) दुसरा। तीसरा कृष्ण पिङ्गाक्ष ( काली और भूरी आँख वाले ), गजवक्त्र ( हाथी के समान मुख वाले) चौथा।।2।।
लम्बोदरं पञ्चमं चषष्ठं विकटमेव च ।सप्तमं विघ्नराजेन्द्रंधूम्रवर्णं तथाष्टमम्। 3
हिंदी अर्थ -लम्बोदरं ( बड़े पेट वाले ) पाँचवा और छठा विकट (भयंकर, भयानक)।साँतवा विघ्नराजेन्द्र ( विध्नों पर शासन करने वाला राजाधिराज) तथा धूम्रवर्ण (धूसर वर्ण वाले) आठवां।।3।।
नवमं भालचन्द्रं चदशमं तु विनायकम्।एकादशं गणपतिंद्वादशं तु गजाननम्। 4
हिंदी अर्थ -नवाँ भालचन्द्र ( जिसके ललाट पर चन्द्र सुशोभित है ) और दसवाँ विनायक ( पापो का विनाश करने वाले )ग्यारवाँ गणपति ( दिशाओं के पति, स्वामी ) बारहवाँ गजानन ( गज के समान आंखों वाले ) ।।4।।
द्वादशैतानि नामानित्रिसंध्यं यः पठेन्नरः ।न च विघ्नभयं तस्यसर्वसिद्धिकरः प्रभुः। 5
हिंदी अर्थ -जो मनुष्य इन बाहर नामों का त्रिसन्ध्य ( तीनों सन्धायों प्रातः, मध्यान्ह और सांयकाल) में पाठ करता है, उसे किसी प्रकार के विध्न का भय नहीं रहता और सभी प्रकार की सफलताएं प्राप्त होती है।।5।।
विद्यार्थी लभते विद्यांधनार्थी लभते धनम् ।पुत्रार्थी लभते पुत्राम्मोक्षार्थी लभते गतिम्। 6
हिंदी अर्थ-इससे विद्यार्थी को विद्या प्राप्त होती है, धन की कामना रखने वाले को धन प्राप्त होता है। पुत्र की इच्छा करने वाले को पुत्र की प्राप्ति होती है, मोक्ष की इच्छा करने वाले को मोक्ष प्राप्त होता है।।6।।
जपेद्गणपतिस्तोत्रंषड्भिर्मासैः फलं लभेत् ।संवत्सरेण सिद्धिं चलभते नात्र संशयः। 7
हिंदी अर्थ -जो इस गणपति स्तोत्र का पाठ करता है छहः मास के अंदर उसको इच्छित फल की प्राप्ति हो जाती है,तथा एक संवत्सर में पूर्ण सिद्धि की प्राप्ति हो जाती है इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं है ।।7।।
अष्टेभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्चलिखित्वा यः समर्पयेत् ।तस्य विद्या भवेत्सर्वागणेशस्य प्रसादतः। 8
हिंदी अर्थ -आठ ब्राह्मणों को जो मनुष्य इसे लिखकर देता है, उसे सभी प्रकार की विद्या गणेश जी की कृपा से प्राप्त हो जाती है।।8।।
प्रणम्य शिरसा देवं
गौरीपुत्रं विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यं
आयुःकामार्थसिद्धये।1
हिंदी अर्थ -मैं सर झुका के प्रणाम करता हूं देवी गौरी के पुत्र विनायक ( गणेश ) को। जो भक्त इनका नित्य स्मरण करता रहता है उनकी आयु, कामना और अर्थ सिद्ध हो जाता है। ।।1।।
प्रथमं वक्रतुण्डं च
एकदन्तं द्वितीयकम् ।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं
गजवक्त्रं चतुर्थकम्। 2
हिंदी अर्थ -पहला वक्रतुण्ड ( टेढे मुख वाले ) और एकदन्त ( एक दाँतवाले ) दुसरा। तीसरा कृष्ण पिङ्गाक्ष ( काली और भूरी आँख वाले ), गजवक्त्र ( हाथी के समान मुख वाले) चौथा।।2।।
लम्बोदरं पञ्चमं च
षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं
धूम्रवर्णं तथाष्टमम्। 3
हिंदी अर्थ -लम्बोदरं ( बड़े पेट वाले ) पाँचवा और छठा विकट (भयंकर, भयानक)।
साँतवा विघ्नराजेन्द्र ( विध्नों पर शासन करने वाला राजाधिराज) तथा धूम्रवर्ण (धूसर वर्ण वाले) आठवां।।3।।
नवमं भालचन्द्रं च
दशमं तु विनायकम्।
एकादशं गणपतिं
द्वादशं तु गजाननम्। 4
हिंदी अर्थ -नवाँ भालचन्द्र ( जिसके ललाट पर चन्द्र सुशोभित है ) और दसवाँ विनायक ( पापो का विनाश करने वाले )ग्यारवाँ गणपति ( दिशाओं के पति, स्वामी ) बारहवाँ गजानन ( गज के समान आंखों वाले ) ।।4।।
द्वादशैतानि नामानि
त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः ।
न च विघ्नभयं तस्य
सर्वसिद्धिकरः प्रभुः। 5
हिंदी अर्थ -जो मनुष्य इन बाहर नामों का त्रिसन्ध्य ( तीनों सन्धायों प्रातः, मध्यान्ह और सांयकाल) में पाठ करता है, उसे किसी प्रकार के विध्न का भय नहीं रहता और सभी प्रकार की सफलताएं प्राप्त होती है।।5।।
विद्यार्थी लभते विद्यां
धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्राम्
मोक्षार्थी लभते गतिम्। 6
हिंदी अर्थ-इससे विद्यार्थी को विद्या प्राप्त होती है, धन की कामना रखने वाले को धन प्राप्त होता है। पुत्र की इच्छा करने वाले को पुत्र की प्राप्ति होती है, मोक्ष की इच्छा करने वाले को मोक्ष प्राप्त होता है।।6।।
जपेद्गणपतिस्तोत्रं
षड्भिर्मासैः फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च
लभते नात्र संशयः। 7
हिंदी अर्थ -जो इस गणपति स्तोत्र का पाठ करता है छहः मास के अंदर उसको इच्छित फल की प्राप्ति हो जाती है,तथा एक संवत्सर में पूर्ण सिद्धि की प्राप्ति हो जाती है इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं है ।।7।।
अष्टेभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च
लिखित्वा यः समर्पयेत् ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा
गणेशस्य प्रसादतः। 8
हिंदी अर्थ -आठ ब्राह्मणों को जो मनुष्य इसे लिखकर देता है, उसे सभी प्रकार की विद्या गणेश जी की कृपा से प्राप्त हो जाती है।।8।।
संकट नाशन गणेश स्तोत्रम पाठ करने के फायदे -
Sankat Nashan Ganesh Stotram Paath Benifit In Hindi
श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से जातक की हर मनोकामना पूर्ण होती है, मन को शांति मिलती है, आपके जीवन के सभी प्रकार के बुराइयों को दूर रखता है और आपको स्वस्थ धनी और समृद्ध बनाता है।
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