राधा जी के इतने आंसू निकले की ये सरोवर बन गया
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Radharani Temple Mansarover at Vrindavan |
ब्रज का एक ऐसा कुण्ड जो श्री राधा जी के आसुमों से भरा हुआ है। आखिर, ऐसा क्या कारण था कि श्री राधा जी का रोरो के बुरा हाल हो गया और उनके आसुमों से ये कुण्ड बन गया।
ये कुंड आता है जब आप वृन्दावन से जमुनापार को जाएंगे तो वहाँ आता है माट और माट तहसील में पड़ता है ये कुंड जोकी मान सरोवर के नाम से जाना जाता है , देखिए जब आप वृन्दावन से एक्स्प्रेस वे वाले रूट पड़ जाएंगे तो ये करीब 10 किलोमीटर पड़ता है और यहां तक पहुँचने में आपको करीब 15 मिनट का समय लगेगा।
भगवान श्री कृष्ण ने जब महारास का आयोजन किया वृन्दावन में यमुना के तट पर तो जितनी भी गोपियां थी उनको अभिमान हो गया कि भगवान श्री कृष्ण हमसे ही सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं क्योंकि वो आज हमारे साथ में नृत्य कर रहे हैं तो उनके इस अभिमान का मर्दन करने के लिए भगवान महारास से अंतरध्यान हो गये और साथ में उन्होंने राधा जी को ले लिया , चलते चलते राधा जी थक गयीं तो उनहोने सोचा की ये तो कृष्ण की गरज है ,यदि उसे मुझे आगे साथ में लेना है तो मुझे कंधे पर बिठा लेंगे , यही बात राधा जी ने भगवन कृष्ण से कहाँ की मुझे कंधे पर बिठा लीजिये , भगवन को समझ आ गया की राधा जी को भी अब अभिमान हो चूका है , उनके मान का भी मर्दन करने के लिए भगवन वहां से भी अंतर्ध्यान हो गए , राधा जी बहुत परेशान हो गयीं , और उन्हें ढूंढ़ते ढूंढ़ते इसी स्थान पार आ गयीं जिसे मानसरोवर के नाम से जाना जाता है।
अब इसका नाम मानसरोवर क्यूं है क्योंकि जब राधा जी परेशान हुई तो वो रोने लगी उनकी आँखों इतने आंसूं वही की ये सरोवर बन गया , राधा जी को मान हुआ और मान के कारण भगवान अंतर्ध्यान हुए और इससे विचलित हो कर राधा जी विलाप करने लगी और उनकी आँखों से आंसू निकले उसी से ये सरोवर बन गया , इसलिए इस सरोवर का नाम मानसरोवर पड़ा
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