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ललिता पंचमी 2025: पूजा विधि, व्रत कथा और शुभ मुहूर्त

🌺 ललिता पंचमी का महत्व

ललिता पंचमी पूजा करते हुए भक्तों की तस्वीर


ललिता पंचमी नवरात्रि के दौरान शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी को समर्पित है। देवी ललिता को सौंदर्य, शक्ति, समृद्धि और बुद्धिमत्ता की अधिष्ठात्री माना जाता है।


ललिता पंचमी के दिन देवी की पूजा करने से जीवन में सौभाग्य, सफलता, मानसिक शांति और धन की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए सौभाग्य और अखंड सुहाग के लिए शुभ माना जाता है।




📅 ललिता पंचमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त


तिथि प्रारंभ: 27 सितम्बर 2025, सुबह 05:10 बजे


तिथि समाप्त: 27 सितम्बर 2025, रात 06:45 बजे


पूजा का श्रेष्ठ समय: दोपहर 12:00 बजे से 04:00 बजे तक



> ध्यान दें: ये समय सामान्य पंचांग के अनुसार है। अपने स्थानीय पंचांग के अनुसार पूजा करें।



🙏 ललिता पंचमी व्रत विधि


1. स्नान और स्वच्छ वस्त्र


सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें, क्योंकि ये रंग देवी ललिता के लिए शुभ माने जाते हैं।


2. संकल्प लेना


व्रत का संकल्प लें। मन में यह भावना रखें कि आप आज देवी ललिता की पूजा कर रहे हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।


3. पूजा स्थल सजाना


घर के पूजा स्थल को लाल फूल, गुलाब की पंखुड़ियाँ, दीपक और चंदन से सजाएँ। लाल चुनरी या वस्त्र से देवी की प्रतिमा या चित्र को ढकें।


4. मूर्ति या चित्र स्थापित करना


देवी ललिता की सुंदर मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। उनके सामने दीपक और धूप जलाएँ।


5. पूजा सामग्री अर्पित करना


लाल फूल


सिंदूर और हल्दी


मिठाई, फल और जल


गुलाब जल और खीर



6. सहस्रनाम और स्तुति पाठ


‘ललिता सहस्रनाम’ या ‘देवी स्तुति’ का पाठ करें। यह मंत्र पढ़ने से मानसिक शांति और शक्ति प्राप्त होती है।


7. भजन और आरती


पूजा के अंत में भजन और आरती करें। भक्ति भाव से देवी का स्मरण करना अत्यंत शुभ है।


8. प्रसाद वितरण


अंत में प्रसाद परिवार और जरूरतमंदों में वितरित करें।




📖 ललिता पंचमी की कथा


पुराणों के अनुसार, भंडासुर नामक राक्षस ने देवताओं और मानवों को परेशान कर रखा था। सभी देवता देवी ललिता से मदद मांगने पहुंचे। देवी ने अपने सहस्रनाम और शक्ति से भंडासुर का वध किया और विश्व में शांति लौटाई।


इस कथा से यह सिखने को मिलता है कि सच्ची भक्ति और शक्ति के साथ निडर होकर संकट का सामना करना चाहिए।



🌟 ललिता पंचमी का आध्यात्मिक महत्व


1. स्त्रियों के लिए सौभाग्य: विवाहिता स्त्रियों के लिए यह व्रत अखंड सुहाग का वरदान लाता है।



2. धन और सफलता: व्यवसायियों और नौकरीपेश लोगों के लिए शुभ लाभ और सफलता का प्रतीक है।



3. मानसिक शांति: नियमित पूजा से मानसिक तनाव कम होता है।



4. आध्यात्मिक विकास: साधक की बुद्धि और ध्यान शक्ति में वृद्धि होती है।




💡 ललिता पंचमी विशेष उपाय


लाल और पीले फूलों से घर सजाएँ।


माता को गुलाब जल और खीर का भोग अर्पित करें।


जरूरतमंदों को वस्त्र, अनाज और भोजन दान करें।


दीपक जलाएँ और मंत्र जाप करें।



🕉️ मंत्र और भजन


मंत्र:


ॐ श्री मातृकायै नमः  

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे







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