आधिक मास 2026 — क्या है?
आधिक मास (Adhik Maas) हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष महीना होता है जो हर साल नहीं आता, बल्कि लगभग 3 साल में एक बार आता है। इसे माल मास, नपुत्य मास, या अधि महीना भी कहते हैं। यह महीना सूर्य और चंद्र के गोचर के आधार पर तब आता है जब एक मास के भीतर कोई संक्रांति (सूर्य का राशि परिवर्तन) नहीं होती। इसी वजह से इसे “अतिरिक्त” या आधिक मास कहा जाता है।
आधिक मास को हिंदुओं में अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना गया है। यह धार्मिक क्रियाओं, उपवास, दान-पुण्य, और आत्मिक उपायों का शुभ समय होता है।
आधिक मास 2026 की तिथियाँ
आधिक मास प्रारंभ: 17 MAY 2026
आधिक मास समाप्त: 15 JUNE 2026
(ध्यान दें: तिथियाँ हिंदू पंचांग और स्थान के अनुसार हल्की-फुल्की बदल सकती हैं।)
धार्मिक महत्व और मान्यता
आधिक मास को भगवान विष्णु का विशेष समय कहा जाता है।
इसे "मास का महा वरदान" माना जाता है क्योंकि इस समय किये गए पुण्य कर्म दश गुणा फल प्रदान करते हैं।
हमारे धर्मशास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि:
✔️ जो व्यक्ति इस मास में पूजा, दान, जप, मन का सत्य पालन करता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं।
✔️ यह मास मोक्ष, शांति और मानसिक शुद्धि का वर देता है।
✔️ विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों के लिए यह मास शिवजी के प्रभाव से शुभ फल देता है।
🕉️ आधिक मास में क्या करें? पूरा पूजा मार्गदर्शक
आधिक मास में हर दिन किया गया पुण्य कर्म बहुत फलदायी माना जाता है।
1. हर दिन व्रत या उपवास
✔️ एक समय का उपवास/नाश्ता लेकर दिनभर ब्रह्मचर्य का पालन करें।
✔️ भगवान विष्णु का ध्यान और भजन करें।
2. हर दिन भजन-कीर्तन
🎵 “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप 108 बार करें।
भजन एवं कीर्तन से मन शांत होता है और पुण्य बढ़ता है।
3. दान-पुण्य
🍚 गरीबों को भोजन कराएँ, वस्त्र दान करें, किसी मंदिर या धार्मिक सेवा में सहयोग दें।
4. पूजा-विधि
1. सुबह स्नान के बाद स्वच्छ स्थान पर पूजा चौकी सजाएं।
2. भगवान विष्णु या भगवान श्री हरि की प्रतिमा/चित्र रखें।
3. दीप, नैवेद्य और फल चढ़ाएं।
4. श्री विष्णु मंत्र का जाप करें।
आध्यात्मिक लाभ
आधिक मास का व्रत मन को संयम सिखाता है और भावनाओं को स्थिर बनाता है।
🌼 मानसिक तनाव कम होता है
🌼 आत्म-ज्ञान और आत्म-विश्वास बढ़ता है
🌼 जीवन में सकारात्मकता आती है
धार्मिक नियम और सुझाव
✔️ नकारात्मक कार्य से दूर रहें
✔️ दूसरों की सहायता करें
✔️ स्वच्छता और संयम रखें
✔️ माता-पिता एवं गुरु का आशीर्वाद लें
1. क्या अधिक मास में विवाह हो सकता है?
हाँ — यदि ग्रह दोष नहीं हो तो विवाह शुभ फल देता है।
2. अधिक मास में कौन-सा व्रत अच्छा है?
श्री विष्णु उपासना, सोमवार व्रत, या पूर्ण उपवास बहुत फलदायी माना जाता है।
3. क्या अधिक मास में पूजा के साथ दान ज़रूरी है?
हाँ — दान विशेष रूप से पुण्य फल बढ़ाता है।
निष्कर्ष
आधिक मास 2026 एक अत्यंत शुभ, पुण्यदायी और आत्म-विकास का समय है।
इस समय की पूजा, दान-पुण्य, उपवास और ध्यान से जीवन में नई ऊँचाई, मानसिक शांति और सकारात्मकता आती है।



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