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Naimisharanya (Naimisharan) Sthan ka Mahatva – Itihas, Pauranik Kahaniya aur Darshan ki Purn Jankari

 Naimisharanya (Naimisharan) Sthan ka Mahatva — Itihas aur Adhyatmik Mahima

Naimisharanya Teerth Sthal ki Pavitra Tasveer



भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित नैमिषारण्य (Naimisharanya) एक ऐसा दिव्य स्थान है जिसे संतों, ऋषियों, देवताओं और पुराणों का केंद्र माना जाता है। यह वह स्थल है जहाँ पुराणों का प्रथम उपदेश हुआ था और जहाँ सृष्टि का चक्र (Nemi) घूम कर रुका था। इसलिए इसे “नैमिषारण्य – Nemi ka Aaram Sthal” कहा गया।


यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक साधना, तीर्थयात्रा और ऐतिहासिक महत्व के कारण भी विश्वभर के भक्तों को आकर्षित करता है।




Naimisharanya ka Pauranik Itihas


नैमिषारण्य का वर्णन कई प्रमुख ग्रंथों में मिलता है—


1. श्रीमद्भागवत महापुराण


यहाँ ऋषि शौनक और अन्य आचार्यों ने मिलकर सूत जी से पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया था।


2. महाभारत


महाभारत में इसे धरती का सबसे शुभ और पुण्यदायी स्थान बताया गया है।


3. रामायण


कहा जाता है कि भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ यहीं किया था। माता सीता ने भी कई बार इस तपोभूमि की यात्रा की।


4. चक्रतीर्थ की कथा


जब देवताओं ने असुरों से रक्षा को स्थान खोजा, तब ब्रह्माजी ने चक्र घुमाया और जहाँ वह रुक गया, वही स्थान नैमिषारण्य बना।




 Naimisharanya Mein Darshan Yogya Sthal


यहाँ कई पवित्र स्थल हैं जहाँ भक्त विशेष रूप से जाते हैं—


1. Chakratirth


यह स्थान नैमिषारण्य का हृदय है। माना जाता है कि यहाँ का जल पवित्र और मोक्षदायी है।

👉 यहाँ स्नान का महत्व: सौ अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल।


2. Lalita Devi Mandir


51 शक्तिपीठों में से एक। यहाँ माता की शक्ति “ललिता देवी” रूप में विराजमान हैं।


3. Vyaas Gaddi


जहाँ महर्षि वेदव्यास ने वेदों एवं पुराणों का संकलन किया था।


4. Hanuman Garhi


यहाँ हनुमान जी का अद्भुत मंदिर है, जहाँ भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने की मान्यता रखते हैं।


5. Pandav Kila


मान्यता है कि पांडवों ने अपने वनवास काल में यहाँ निवास किया था।




 Naimisharanya Yatra ka Mahatva


• Paap Kshalan ka Sthal


एक बार दर्शन और जल स्नान से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।


• Gyaan aur Dhyaan ka Kendr


यह ऋषि-मुनियों की साधना का केन्द्र रहा है – यहाँ ध्यान करने पर मानसिक शांति प्राप्त होती है।


• Shakti aur Shaanti


यह स्थान माँ शक्ति, रामायण काल और वेदों की ऊर्जा से भरपूर है।





Kaise Pahunchein – Yatra Guide


Najdeeki Railway Station: Sitapur


Najdeeka Bada Junction: Lucknow


Road Route: Lucknow se 90 KM


Airport: Chaudhary Charan Singh Airport (Lucknow)



Auto, bus, taxi आसानी से मिल जाते हैं।




 Naimisharanya Yatra ke Liye Upyogi Samaan 


नीचे ऐसे सामान की लिस्ट है जिन्हें आप अपनी तीर्थयात्रा में साथ ले जा सकते हैं—


Comfortable Walking Shoes


Puja Samagri Kit


Copper Water Bottle


Travel Backpack


Spiritual Books


Rudraksha Mala




 Naimisharanya Yatra Tips


सुबह के समय स्नान और दर्शन का विशेष महत्व है।


मंदिरों में शांति बनाए रखें।


यदि संभव हो तो स्थानीय ब्राह्मणों से कथा श्रवण करें।


भीड़ वाले दिनों में सामान की विशेष रखवाली करें।




 Naimisharanya Me Dhyaan ka Anubhav


नैमिषारण्य की ऊर्जा इतनी शांत है कि यहाँ बैठकर 5 मिनट का ध्यान भी मन को स्थिर कर देता है।

कई साधक तो इसे धरती का सबसे शांत स्थल बताते हैं।




✨ Naimisharanya Kyun Jaruri Hai? 


यह प्राचीन भारत का आध्यात्मिक Research Center था।


हिंदू धर्म की अनेक कथाएँ यहीं से प्रारंभ हुईं।


यह शनिधोष, कुलदोष, तनाव, डर, चिंता मिटाने वाला स्थान माना जाता है।


यहाँ की यात्रा को जीवन में एक बार अवश्य करने की परंपरा है।




⭐ निष्कर्ष


नैमिषारण्य केवल एक तीर्थस्थान ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक अनुभव, इतिहास, धर्म, और पौराणिक संस्कृति का ऐसा संगम है जो हर हिंदू को कम से कम एक बार जरूर देखना चाहिए।

यहाँ आने के बाद मन और आत्मा दोनों को एक अद्भुत शांति मिलती है।





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