W3.CSS
Bhakti Ras Pravah-भक्ति रस प्रवाह

Sakat Chauth 2026 Date, Puja Vidhi, Muhurat, Importance, Chandrodoy Time & Rituals in Hindi

 Sakat Chauth 2026 

Sakat Chauth 2026 festival celebration with Lord Ganesha and Tilkut prasada


 1. Sakat Chauth 2026 Date & Time


सकट चौथ 2026 6 जनवरी 2026 (Tuesday) को मनाई जाएगी, जो माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। 


Tithi Start: 6 जनवरी 2026 सुबह 08:01

 Tithi End: 7 जनवरी 2026 सुबह 06:52

 Puja Muhurat: 7:21 PM से 9:03 PM

 Moonrise (Chandrodoy Time): रात 8:54 बजे तक moonrise होने की संभावना है। 


यह दिन हिन्दू धार्मिक मान्यता में बहुत शुभ माना जाता है और भगवान गणेश तथा संकटा माता की आराधना के लिए आदर्श है। 




2. सकट चौथ क्या है? (Meaning & Significance)


सकट चौथ को Sankat Chaturthi / Lambodar Sankashti Vrat भी कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की दीर्घायु, सुरक्षा, स्वास्थ्य और सफलता के लिए रखा जाता है। इस दिन भगवान गणेश और संकटा माता की आराधना की जाती है। 


यह साल की चार बड़ी चतुर्थियों में से एक मानी जाती है, इसलिए इसे “बड़ी चौथ” भी कहा जाता है। 




3. पूजा और व्रत विधि (Puja Vidhi)


 Morning (सुबह)


सुहागन महिलाएं सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत का संकल्प करती हैं।


घर की साफ-सफाई कर पूजा स्थान तैयार करें।



 Main Puja


गणेश जी की मूर्ति/प्रतिकृति स्थापित करें।


तिल और गुड़ (tilkut) का भोग लगाएं।


गणेश चालीसा, योग विनायक मंत्र, संकटा माता के स्तोत्र का जाप करें।



 Moonrise (चंद्र दर्शन)


रात्रि में चंद्रोदय के समय चंद्रोदय देखने के बाद ही व्रत का पारण करें।


सबसे पहले चंद्रोदय को अर्घ्य दें, फिर प्रसाद ग्रहण करें। 




🔹 4. तिल का महत्व (Importance of Til)


इस व्रत में तिल और गुड़ (til & jaggery) को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। तिल के भोग से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और इसके सेवन से शारीरिक एवं मानसिक शुद्धि होती है। 




 5. कथा एवं पौराणिक मान्यता (Story)


संकट चौथ का व्रत कई पौराणिक कथाओं से जुड़ा है, जिसमें एक कथा में एक भक्त महिला द्वारा भगवान गणेश की उपासना से उसके घर के सभी संकट दूर हुए। यह व्रत विपत्ति और बुराइयों से छुटकारा पाने का प्रतीक है। 




🔹 6. Sakat Chauth का महत्व (Spiritual Importance)


🔹 यह व्रत संतान की दीर्घायु, सुख, समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है।

🔹 गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है, इसलिए बाधाओं को दूर करने के लिए यह व्रत शुभ है।

🔹 चंद्रोदय के बाद व्रत तोड़ने पर जीवन में शांति-समृद्धि का अनुभव होने की मान्यता है। 




 7. FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)


Q1. क्या सकट चौथ सिर्फ महिलाएं रखती हैं?

A: पारंपरिक मान्यता में मुख्यतः महिलाएं अपनी संतान के लिए रखती हैं, पर परिवार के हर सदस्य के लिए यह शुभ है। 


Q2. क्या पानी पीना चाहिए या नहीं?

A: अधिकांश भक्त nirjala vrat रखते हैं यानी बिना पानी सुबह से चंद्रोदय तक।




 8. शुभ विचार (Closing Note)


सकट चौथ 2026 हमें जीवन में विपरीत समय से धैर्यपूर्ण सामना करने और भगवान गणेश के आशीर्वाद से चुनौतियों को पार करने का संदेश देता है। यह व्रत न केवल धार्मिक रूप से बल्कि मानसिक शांति के लिए भी लाभदायक है। 





Post a Comment

0 Comments