🌙सोलह सोमवार व्रत कथा | शिव-पार्वती संवाद | विवाह, सुख और मोक्ष देने वाला व्रत
सोलह सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत शुभ और फलदायी व्रत है। यह व्रत विशेष रूप से विवाह में विलंब, संतान सुख, दरिद्रता और जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए किया जाता है। इस व्रत को पूरी श्रद्धा और नियम से करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
🕉️ सोलह सोमवार व्रत का महत्व
माता पार्वती ने भगवान शिव से एक ऐसा व्रत बताने को कहा जिससे स्त्रियों को सौभाग्य, कन्याओं को योग्य वर और सभी को कष्टों से मुक्ति मिले। तब भगवान शिव ने ‘सोमवार व्रत’ का उपदेश दिया। जो भक्त पूरे नियम से सोमवार को व्रत रखते हैं, शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, उन्हें सुख, शांति, धन, संतान और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
📖 भगवान शिव द्वारा सुनाई गई पौराणिक कथा
चंद्रभानु ब्राह्मण की कथा
प्राचीन काल में धरती पर नगरीभद्रपुर नामक एक नगर था। वहाँ चंद्रभानु नामक एक निर्धन ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहता था। वह भगवान शिव का परम भक्त था, किंतु दरिद्रता के कारण बहुत दुःखी था।एक दिन उसने एक साधु को देखा जो बहुत तेजस्वी था। ब्राह्मण ने हाथ जोड़कर पूछा: हे तपस्वी! कृपया कोई ऐसा उपाय बताइए जिससे मेरी दरिद्रता समाप्त हो और मैं सुखी जीवन जी सकूं।साधु ने कहा: हे वत्स! तुम सच्चे मन से सोलह सोमवार तक भगवान शिव का व्रत करो, भगवान शिव की पूजा कर कथा सुनो, तो तुम्हारी सभी इच्छाएँ पूरी होंगी।ब्राह्मण ने उस व्रत को पूरी श्रद्धा और नियम से किया। जब सोलह सोमवार पूरे हुए, तब शिवजी ने स्वयं स्वप्न में प्रकट होकर कहा: हे ब्राह्मण! मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूँ। अब तुम्हारे जीवन के कष्ट समाप्त हुए। कल तुम्हें राजदरबार में बुलाया जाएगा और तुम्हें राजपुरोहित नियुक्त किया जाएगा।अगले दिन ऐसा ही हुआ। राजा ने उसे राजपुरोहित बना दिया और वह अत्यंत सुखी जीवन जीने लगा।
राजकुमारी की कथा
एक बार राजा चंद्रसेन की पुत्री विवाह योग्य थी, लेकिन कोई योग्य वर नहीं मिल रहा था। एक वृद्धा ने उसे सोलह सोमवार व्रत रखने की सलाह दी। राजकुमारी ने पूरे नियम से व्रत किया। सोलहवें सोमवार को एक तपस्वी युवक राज्य में आया जो शिवजी का अंश था। उसका विवाह उसी से हुआ। वह युवक आगे चलकर एक धर्मात्मा राजा बना।
🕯️ सोलह सोमवार व्रत की पूजा विधि
व्रत प्रारंभ
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किसी भी शुभ सोमवार से व्रत प्रारंभ करें
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लगातार 16 सोमवार तक व्रत करें
प्रातः काल की तैयारी
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ब्रह्म मुहूर्त में उठें, स्नान करें
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स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें:
“ॐ नमः शिवाय। मम सर्वपाप क्षयार्थं सर्वाभीष्ट सिद्ध्यर्थं सोमव्रतं करिष्ये।” -
शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल से अभिषेक करें
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बेलपत्र, चावल, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें
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शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राष्टक आदि का पाठ करें
उपवास विधि
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निर्जल या फलाहार व्रत रखें
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शाम को कथा का श्रवण करें और शिवभजन करें
सोलहवें सोमवार को विशेष पूजन
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विशेष पूजन करें
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ब्राह्मणों को भोजन कराएं, वस्त्र व दक्षिणा दें
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कन्याओं को भोजन कराएं, आशीर्वाद लें
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व्रत का उद्यापन करें
🌺 सोलह सोमवार व्रत से प्राप्त होने वाले फल
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विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं
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योग्य वर/वधू की प्राप्ति होती है
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विवाहितों को प्रेम और सौभाग्य मिलता है
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दरिद्रता दूर होकर समृद्धि का वास होता है
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संतान सुख प्राप्त होता है
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मन की सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं
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अंत में शिवलोक की प्राप्ति होती है (मोक्ष)
📿 पूरे व्रत काल में जप करने योग्य मंत्र
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ॐ नमः शिवाय
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ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
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